Hindustan सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय ओका का मानना है कि अदालती आयोजनों में पूजा-अर्चना पर प्रतिबंध लगना चाहिए। इसके बजाय, संविधान की प्रस्तावना को नमन करना चाहिए। उनका कहना है कि संविधान में सेकुलरिज्म पर जोर दिया गया है और हमें इस बात को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अदालती कार्यक्रमों में संविधान की गरिमा को बढ़ाने के लिए सिर्फ संविधान के सामने ही सिर झुकाना चाहिए।