ThePrint हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने जलविद्युत उत्पादन पर जल उपकर को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। अदालत ने माना कि राज्य के पास बिजली उत्पादन पर कर लगाने का अधिकार नहीं है। इस फैसले से राज्य सरकार को 1,800 करोड़ रुपये के अनुमानित राजस्व का नुकसान होगा। राज्य सरकार फैसले को चुनौती देने पर विचार कर रही है।