NavBharatTimes पीपल्स एसोसिएशन और IFAT के सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत में 83% कैब ड्राइवर रोजाना 10 घंटे से अधिक काम करते हैं, लेकिन कम कमाते हैं। इसके अतिरिक्त, 86% डिलीवरी व्यक्ति 10 मिनट की डिलीवरी नीति को अस्वीकार्य मानते हैं। एग्रीगेटर कंपनियों को मनमाने किराए और कमीशन के लिए दोषी ठहराया गया है। कैब ड्राइवर ID डिसेबल करने और ग्राहक दुर्व्यवहार से प्रभावित होते हैं, जबकि 70% से अधिक डिलीवरी पर्सन भी ग्राहक दुर्व्यवहार की शिकायत करते हैं।