AmarUjala संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जनसंख्या 144 करोड़ हो गई है, जिसमें 24% 0-14 आयु वर्ग के हैं। हालांकि, प्रसव से होने वाली मौतों में कमी आई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रजनन स्वास्थ्य में प्रगति के बावजूद, अभी भी हाशिए के समुदायों को अनदेखा किया जा रहा है। दलित कार्यकर्ता महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कानूनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, क्योंकि गरीबी और भेदभाव से प्रजनन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।