NavBharatTimes संविधान निर्माण के दौरान समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव धार्मिक विरोध के कारण लागू नहीं हो पाया था। उत्तराखंड ने इसी संवैधानिक निर्देश के आधार पर समान नागरिक संहिता लागू की है। यह बहुविवाह, बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाता है और उत्तराधिकार में समानता सुनिश्चित करता है। हालांकि, इस पर धार्मिक स्वतंत्रता के हनन का आरोप लगाया जाता है, लेकिन समर्थकों का तर्क है कि यह संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के अनुरूप है और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है।