PrabhatKhabar सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि निचली अदालतों के स्थगन आदेश छह महीने बाद स्वतः रद्द नहीं होंगे। संवैधानिक अदालतों को मामलों के निपटान के लिए समय सीमा तय नहीं करनी चाहिए। पीठ ने दो अलग लेकिन सहमति वाले फैसले दिए। न्यायमूर्ति ओका के अनुसार, स्थगन आदेश स्वतः रद्द नहीं हो सकते। न्यायमूर्ति मित्तल ने इसी के साथ एक अलग सहमति वाला फैसला लिखा। 13 दिसंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।