ThePrint चार साल पहले हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में साजिश के आरोप में दर्ज मामला अब भी अधर में है। 25,000 पृष्ठों के पांच आरोपपत्र दायर हो चुके हैं, लेकिन दस्तावेज़ की आपूर्ति और जांच पूरी नहीं हुई है। जांच एजेंसी का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ जांच पूरी हो गई है, लेकिन बचाव पक्ष इसे लिखित में नहीं मानता है। आरोपियों का तर्क है कि जांच पूरी होने तक आरोप पर बहस नहीं होनी चाहिए, क्योंकि अभियोजन पक्ष कमियों को पूरा करने के लिए पूरक आरोप पत्र दाखिल कर सकता है।